मेडिकल छात्रों को याद आए हनुमान, जुलूस निकाला
सिटी रिपोर्टर, इलाहाबाद : भविष्य को दांव में देख मेडिकल छात्र भगवान की शरण में आ गए हैं। एक दिन पूर्व सद््बुद्धि यज्ञ करने वाले भावी डाक्टरों ने बुधवार को एसआरएन अस्पताल में हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया और छात्र अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की बुद्धि ठीक करने के लिए शाम को छात्र-छात्राओं ने अस्पताल से कैंडिल जुलूस निकाला। बांह में काला फीता व हाथों में मोमबत्ती लिए डाक्टर सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने पूजा पाठ किया। भगवान से उज्जवल भविष्य की कामना के लिए प्रार्थना किया। अस्पताल परिसर में धरने पर बैठे डाक्टरों ने केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों ने चेतावनी दी है कि इंटर्नशिप की अवधि बढ़ाई गई तो हड़ताल पर भी जा सकते हैं। अस्पताल परिसर में छात्रों ने हनुमान चालीस का पूरा पाठ किया। भावी डाक्टर संतोष सिंह, सुनील विश्र्वकर्मा, मिन्हाज हुसैन, अखिलेश कुमार का कहना है कि सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी करने का फैसला करना चाहिए न की इंटर्नशिप की अवधि बढ़ाने का। कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की हठवादिता के चलते कई छात्र पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हैं और उनके भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। प्रियंका, कीर्ति, अंशिता, वंदना का कहना था कि छात्राएं गांव में किस तरह रहेंगी। खास कर जब उन्हें अधिक जानकारी नहीं होगी, इससे गलतियों की काफी संभावनाएं होंगी। उनका कहना था कि ग्रामीण क्षेत्र में ट्रेंड डाक्टर ही भेजे जाने चाहिए। अस्पताल के सीएमएस डा. यूएस सिन्हा भी डाक्टरों के पक्ष में हैं लेकिन उन्होंने छात्रों को शांतिपूर्ण तरीके से अपने आंदोलन को बढ़ाने के लिए कहा है।
अभिनव विरोध : स्वास्थ्य मंत्री से शादी की पेशकश
इलाहाबाद : यह विरोध का अभिनव तरीका है। इसके तहत मोता लाल नेहरू मेडिकल कालेज की छात्राओं ने स्वास्थ्य मंत्री को शादी के लिए ऑफर किया है। छात्राओं का कहना है कि जब आधी जिंदगी पढ़ाई में बीत जाएगी तो उनसे शादी कौन करेगा। इससे अच्छा है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री अम्बुमणि रामदास से ही शादी कर लिया जाए ताकि शादी के बाद शहर में रहना संभव हो सके। कालेज के 46 व 47 बैच की छात्राओं ने बाकायदा मंत्री को पत्र भी लिखा है। छात्रा कीर्ति व सुलेखा का कहना है कि सीपीएमटी की तैयारी में लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं। इसके बाद एमबीबीएस की पढ़ाई में तीन से चार लाख रुपये का खर्च आ जाता है। गांव में इंटर्नशिप करने का मतलब है कि दो लाख रुपये का खर्च और प्रत्येक प्रकार की परेशानियां। इसलिए स्वास्थ्य मंत्री को इंटर्नशिप की अवधि में बढ़ोतरी का खयाल छोड़ देना चाहिए।
तमिलनाड़ु में 17 छात्रों ने पढ़ाई छोड़ी इलाहाबाद : एमबीबीएस में इंटर्नशिप बढ़ाने के विरोध में तमिलनाड़ु राज्य में 17 छात्र-छात्राओं ने पढ़ाई छोड़ दी है। सभी छात्र इंजीनियरिंग या फिर अन्य क्षेत्र में अपना करियर तलाश रहे हैं। यह जानकारी छात्रों की वेबसाइट में दी गई है। इन छात्रों ने मेडिकल की परीक्षा पास कर ली थी और डाक्टर बनने का सपना देख रहे थे।
एएमए भी आया समर्थन में
इलाहाबाद : इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन भावी डाक्टरों को समर्थन दे रहा है। एसोसिएशन के सचिव डा. युगांतर पाण्डेय ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के कदम को गलत ठहराया है। कहा कि इंटर्नशिप न बढ़ाकर मंत्री को कई योजनाएं शुरू करना चाहिए। जिससे गरीब लोगों को आर्थिक सहायता मिल सके।
Thursday, December 6, 2007
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